भारत में मुसलमानों का इतिहास बहुत पुराना है और मुसलमानों ने भी अपने मादरे वतन के लिए कुर्बानिया दी है। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं की इन लोगों ने देश पर कोई अहसान किया यह सब कुछ करना उनका फर्ज था और हमारा भी फर्ज है।
और हर भारतीय को देश की उन्नति प्रगति के लिए राष्ट्र हित के कार्य करना ही चाहिए लेकिन जिस तरीके से कुछ लोग इस समय मुसलमानों को लेकर तरह-तरह के इल्जाम लगाते हैं वह अमान्य, निंदनीय है। आज हम उदाहरण के लिए आपको कुछ ऐसे मुस्लिम लोगों के नाम बताते हैं जिन्होंने भारत की उन्नति के लिए अपने योगदान दिए हैं।
भारत-चीन युद्ध के समय
1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने निज़ाम मीर उस्मान अली खान से
स्थापित राष्ट्रीय रक्षा कोष में योगदान देने का अनुरोध किया। और मीर उस्मान अली खान ने युद्ध के फंड के प्रति पांच टन - यानि 5000 किलो सोना दान दिया। मौद्रिक शर्तों में, आज के बाजार मूल्य के रूप में निजाम का योगदान करीब 1500 करोड़ रुपये था यह भारत में किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा अब तक का सबसे बड़ा योगदान है।
मंदिरों को दान संपादित करें
निजाम मीर उस्मान अली खान हिन्दू और मुसलमान को अपनी दो आँखें मानते थे। उन्होंने कई मंदिरों की प्रगति के लिए कई बार सोने एवं पैसों से दान किया।
आंध्र प्रदेश अभिलेखागार की फाइलों से पता चलता है कि निजाम ने यादगीरगुट्टा मंदिर के लिए 825,825 रुपये, श्री रामबाग मंदिर के लिए 5000 रुपये, भद्राचलम मंदिर के लिए 50,000 रुपये और तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर के लिए सालाना 8,000 रुपये दान किया।
प्रसिद्ध रुद्रेश्वर स्वामी मन्दिर के अलावा मदनपेट, शंकरबाग, गोलनाका के मंदिरों के प्रति वार्षिक अनुदान भी तय किए थे। *हिंदुस्तान पाकिस्तान युद्ध में*
*हवलदार अब्दुल हमीद मसऊदी* भारतीय सेना की 4 ग्रेनेडियर में एक सिपाही थे जिन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान खेमकरण सैक्टर के आसल उत्ताड़ में लड़े गए युद्ध में अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करते हुए वीरगति प्राप्त की जिसके लिए उन्हें मरणोपरान्त भारत का सर्वोच्च सेना पुरस्कार परमवीर चक्र मिला।
*सिपला फार्म के मालिक युसूफ हमीद* कंपनी Covid-19 के लिए टेस्ट किट नहीं बल्कि इस बीमारी की दवा बनाने की कोशिश में है. हाल ही में सिप्ला ने जो ऐलान किया था। इनका भी स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा योगदान माना जाता है
*पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम* जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है उन्होंने ब्रह्मोस, पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, आकाश, नाग समेत कई मिसाइल बनाई। पूर्व राष्ट्रपति कलाम के डायरेक्शन में ही देश को पहली स्वदेशी मिसाइल मिली।
ऐसे ही कई मुस्लिम योद्धा जिन्होंने स्वतंत्र संग्राम से लेकर साहित्य खेल संगीत आदि से इतिहास पटा पड़ा है, इन लोगों के योगदान के बारे में उल्लेख करने के बारे में मेरा इतना सा मकसद है की जो कुछ भी इस समय भारत में चल रहा है वह देशहित में नहीं है।
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुले हैं इसके यह गुलसिता हमारा।
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी। सदियों दुश्मन रहा है दौरे जहां हमारा।
हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा